Welcome to The Official blogger draali.blogpot.com `s Dr Anver Ali. Twitter.com://DrAnverAli Facebook.com://DrAnverAli in
Thursday 6 September 2018
नोटबंदी के समय उल्लू बने लोग हाज़िर हों, 99.30 पैसा बैंक में आ गया है
कल्पना कीजिए, आज रात आठ बजे प्रधानमंत्री मोदी टीवी पर आते हैं और नोटबंदी के बारे में रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट पढ़ने लगते हैं। फिर थोड़ा रूक कर वे 8 नवंबर 2016 का अपना भाषण चलाते हैं, फिर से सुनिए मैंने क्या क्या कहा, उसके बाद रिपोर्ट पढ़ते हैं। आप देखेंगे कि प्रधानमंत्री का गला सूखने लगता है। वे खांसने लगते हैं और लाइव टेलिकास्ट रोक दिया जाता है। वैसे कभी उनसे पूछिएगा कि आप अपने उस ऐतिहासिक कदम के बारे में क्यों नहीं बात करते हैं?
भारतीय रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट आई है। नोटबंदी के बाद 99.30 प्रतिशत 500 और 1000 के नोट वापस आ गए हैं। नोटबंदी के वक्त 15.41 लाख करोड़ सर्कुलेशन में था। 15.31 लाख करोड़ वापस आ गया है। रिज़र्व बैंक ने कहा है कि वापस आए नोटों की सत्यता की जांच का काम समाप्त हो चुका है।
तो व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के ज़रिए जो भूत पैदा किया गया कि नकली नोटों का जाल बिछ गया है। 1000 के नोट पाकिस्तान से आ रहे हैं। काला धन मार्केट में घूम रहा है। फिर हंगामा हुआ कि लोग अपना काला धन जन धन खाते में जमा कर रहे हैं। लाइन में जो ग़रीब लगा है, वो अपने पांच सौ हज़ार के लिए नहीं लगा है बल्कि वह काला धन रखने वाले अमीर लोगों का एजेंट है। तब तुरंत बयान आया कि इन खातों की जांच होगी और सब पकड़ा जाएगा। एक नया हिसाब इसका नहीं है। न तो चौराहे पर न ही दो राहे पर।
व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी से यह भी भूत पैदा गया कि जो ब्लैक मनी होगा वो बैंक में नहीं आएगा। उतना पैसा नष्ट हो जाएगा। इसतरह जिसके पास काला धन है वो नष्ट हो जाएगा। सारे दावे बोगस निकले हैं। जिनके पास पैसा था, उनके पास आज भी है। अगर काला धन ख़त्म हो गया होता तो राजनीति में ही उसका असर दिखता। नेताओं के पास रैली के पैसे नहीं होते। वैसे बीजेपी ने चुनावी ख़र्चे को सीमित किए जाने की राय का विरोध किया है।
नोटबंदी के कारण लोगों के काम छिन गए। नौकरियां गईं। इन सब को चुनावी जीत के पर्दे से ढंक दिया गया । उस समय एक और बोगस तर्क दिया जाता था कि नोटबंदी के दूरगामी परिणाम होते हैं। दो साल होने को है, उन दूरगामी परिणामों का कोई लक्षण नहीं दिख रहा है। वैसे यह भी नहीं बताया गया कि दूरगामी परिणाम क्या क्या होंगे।
तो आप क्या बने….ज़ोर से बोलिए..उल्लू बने। क्या अच्छा नहीं होता कि जिन जिन लोगों ने व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी की बातों से सपना देखा था, वो सभी बाहर आएं और कहें कि हां हम उल्लू बने। हम उल्लू थे, उल्लू रहेंगे।
वैसे उल्लू बने बैंक वाले। उन्हें लगा कि देश सेवा की कोई घड़ी आ गई है। जब उन पर अचानक नोटों के अंबार गिनने का काम थोप दिया गया तो कई कैशियरों से हिसाब जोड़ने में ग़लती हुई। 20-30 हज़ार सैलरी पाने वाले बहुत से कैशियरों ने अपनी जेब से 5000 से लेकर 3-3 लाख तक जुर्माना भरा।
ऐसे लोगों पर कई बार पोस्ट लिख चुका हूं। वो लोग भी चाहें तो बाहर आ सकते हैं कि कह सकते हैं कि हां हम उल्लू बने।
आपको पता ही होगा कि आज (29.8.2018) रुपया ऐतिहासिक गिरावट पर है। एक डॉलर आज 70 रुपये 52 पैसे का हो गया।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
Unity Of power ( ekta mein shakti hain )